प्रचार से बनी मोदी की छवि को अब फिर से छवि सुधारो अभियान की ज़रूरत क्यों पड़ रही है? उनके जन्मदिन पर शुरू किए गए इस अभियान का क्या असर पड़ेगा? क्या मोदी नामक प्रोडक्ट में इतना दम है कि उसे फिर से बेचने के लिए चमकाया जा सके? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-बादशाह सेन, डॉ. सुनीलम, नीरेंद्र नागर, सतीश के सिंह और रेणु मित्तल-