प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार 15 अगस्त को अपने भाषण में कई विषयों को छुआ है, जिसमें बांग्लादेश के हिन्दुओं की चिन्ता, सेकुलर सिविल कोड, महिलाओं की सुरक्षा, एक देश-एक चुनाव और भ्रष्टाचार शामिल हैं। लेकिन प्रधानमंत्री का यह भाषण देश के विकास की रूपरेखा बताने की बजाय राजनीतिक विषयों पर ज्यादा केंद्रित रहा। इसको डिकोड करना आसान है- जब आप तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और यूपी में उपचुनाव का सामना करने जा रहे हों तो भाषण के जरिए ध्रुवीकरण ही अंतिम हथियार है। जानिए मोदी का भाषण और उसके मायनेः