सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मीडिया का सेल्फ रेगुलेशन नाकाम हो गया है। अदालत ने यह भी कहा कि वो चैनलों पर नियंत्रण के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा। सवाल है कि क्या इससे नफरती मीडिया पर रोक लग पाएगी? और फिर अभिव्यक्ति की आज़ादी का क्या होगा? आलोक जोशी के साथ क़मर वहीद नकवी और राहुल देव।
बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिन्दल की विवादित टिप्पणियों के विरोध में जिस तरह से देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, उसके लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह स्थिति ठीक नहीं है। मुसलमानों को इन प्रदर्शनों से कुछ हासिल नहीं होगा। इससे किसी और को फायदा हो रहा है। यह उन्हें समझना होगा।
राजेंद्र माथुर पूरी ईमानदारी के साथ पूरे-पूरे लोकतांत्रिक संपादक थे। संपादकीय नीतियों को लेकर वरिष्ठ सहयोगियों को तो छोड़िये, टीम के कनिष्ठतम सदस्य की असहमति का भी वह सम्मान करते थे।