ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर विपक्ष समेत तमाम लोग जो सवाल उठा रहे हैं, उनसे कहा जा रहा है कि यह राष्ट्रीय त्रासदी है। अभी सवाल उठाने का समय नहीं है। यानी इतनी बड़ी त्रासदी से जुड़े सवालों को टालने के लिए जिन बातों की आड़ ली जा रही है, वो भयावह हैं। स्तंभकार अपूर्वानंद की ओडिशा रेल हादसे पर खास टिप्पणीः
रेलवे बोर्ड ने आज ओडिशा हादसे को लेकर तमाम बातें बताईं लेकिन यह भी कहा कि अभी ठोस कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। उसने यह भी कहा कि यह सिस्टम की विफलता नहीं है।
ओडिशा रेल हादसे में जांच और उसके बाद जिम्मेदारी ट्रांसफर करने का खेल शुरू हो गया है। जल्द ही कुछ अफसरों पर कार्रवाई होगी। रेल मंत्री ने रविवार को यह बात साफ कर दी है लेकिन रेल मंत्री रेलवे के उस सिस्टम की खामियां दूर करने को तैयार नहीं, जिसका पता फरवरी में चल गया था। फरवरी में जब यह बात पता चल गई थी तो अब तक मंत्रालय क्या सो रहा था।
ओडिशा ट्रेन हादसे की शुरुआती रिपोर्ट आ गई है। उसमें कई सवाल है और सबसे खास सवाल यह उठाया गया है कि लूप लाइन जो मालगाड़ियों के लिए होती है, उसमें यात्री ट्रेन कैसे चली गई, जबकि सिग्नल मेन लाइन का दिया गया था। जानिएः