ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एस. मुरलीधर का कहना है कि हम क्या पहनते हैं, क्या खाते हैं, क्या बोलते हैं जैसे तमाम मुद्दे अदालत के सामने संवैधानिक मुद्दे बन रहे हैं। इससे जज भी इन चीजों को सार्वजनिक रूप से तय करने और अपनी राय देने को मजबूर होते हैं।