मोदी सरकार ने 2017 में ओबीसी उप-वर्गीकरण की जांच करने और कोटा लाभ के समान वितरण के लिए रोहिणी आयोग बनाया था। आयोग ने एक साल पहले जुलाई 2023 में राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। मोदी सरकार ने उस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया है। जानिए पूरी बातः