सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दायरे में जजों और सैन्यकर्मियों को भी शामिल किया है। यानी केंद्रीय जांच एजेंसियां किसी भी जज या सेना के अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकती हैं। आरोप बेशक सही न हों लेकिन मीडिया ट्रायल के जमाने में जज और सैन्य अधिकारी मात्र जांच शुरू होने के नाम पर ही सहम जाएंगे या सहमे रहेंगे। नए नियमों को लेकर विशेषज्ञों ने भी चिन्ता जताई है। उनका कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी को इसके जरिए ज्यादा ताकत दे दी गई है।