ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर विपक्ष समेत तमाम लोग जो सवाल उठा रहे हैं, उनसे कहा जा रहा है कि यह राष्ट्रीय त्रासदी है। अभी सवाल उठाने का समय नहीं है। यानी इतनी बड़ी त्रासदी से जुड़े सवालों को टालने के लिए जिन बातों की आड़ ली जा रही है, वो भयावह हैं। स्तंभकार अपूर्वानंद की ओडिशा रेल हादसे पर खास टिप्पणीः
मुक्तिबोध की जाति पर विवाद क्यों है? पूछने वाले को खलनायक साबित करने में कुछ लोग क्यों जुटे हैं? क्या ऐसा कभी होगा कि मुक्तिबोध की जाति का सवाल बिल्कुल अप्रासंगिक हो जाए?