औद्योगिक उत्पादन में चार परसेंट की गिरावट। कैसे गड्ढे में पहुंच गई बाज़ार में मांग? क्या है इस हाल के लिए जिम्मेदार? गांवों से लेकर विदेशी बाज़ारों तक बिखरे हैं इस परेशानी के कारण। अर्थशास्त्री प्रो संतोष मेहरोत्रा से आलोक जोशी की बातचीत।
रिजर्व बैंक ने कहा महंगाई के बुरे दिन बीत गए। लेकिन क्या महंगाई की फिक्र भी खत्म हुई? कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में सुधार दिख रहा है, लेकिन क्या इससे माल बिकने लगेगा? आज माइंड योर बिजनेस में इसी पर बात।
जीडीपी में साढ़े तेरह परसेंट की बढ़त क्यों काफी नहीं है? तीन साल में सिर्फ तीन परसेंट बढ़ी है इकोनॉमी? आर्थिक परेशानियों का ठीकरा कोरोना पर क्यों नहीं फोड़ा जा सकता? क्या मोदी सरकार ने लॉकडाउन लगाकर गलती की? पूर्व वित्त सचिव और आर्थिक रणनीति के विशेषज्ञ डॉ सुभाष चंद्र गर्ग से आलोक जोशी की एक्सक्लूसिव बातचीत।
महंगाई सिर्फ विपक्ष को दिखती है जनता को नहीं। महंगाई है कहां? यूपीए के दौर में तो इससे बहुत ज्यादा महंगाई थी? दुनिया के दूसरे देशों को देखो वहां हमसे ज्यादा महंगाई है। यह सब कहना है सरकार का। लेकिन क्या कहता है अर्थशास्त्र का? अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरविंद मोहन से आलोक जोशी की बातचीत।
चीन के बैंकों का पैसा कहां गया? लोगों के अकाउंट क्यों फ्रीज कर रहे हैं बैंक? और अब लोगों ने होमलोन की ईएमआई भरने से क्यों किया इनकार? क्या श्रीलंका के रास्ते पर जा रहा है चीन? या दुनिया के सामने खड़ा होनेवाला है एक बहुत बड़ा आर्थिक संकट? चीनी अर्थनीति के विशेषज्ञ प्रोफेसर राजीव अनंतराम से आलोक जोशी की बातचीत।
रिजर्व बैंक ने अचानक बाज़ार को झटका दिया। रेपो रेट 0.4% और CRR 0.5% बढ़ाया। महंगाई बढ़ने की वजह से हुआ है फैसला। लेकिन क्या इस फैसले के बाद अब महंगाई से निजात मिल जाएगी? वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार ए के भट्टाचार्य से समझने की कोशिश कर रहे हैं आलोक जोशी।
शेयर बाज़ारों में हाहाकार। फिर एक काला सोमवार। ओमिक्रॉन की दहशत है या किसी और फिक्र में दुबले हो रहे हैं दुनिया भर के शेयर बाज़ार? क्या होगा आगे और क्या करना है निवेशकों को? आलोक जोशी के साथ बाज़ार के जानकार अजय बग्गा से समझिए बाज़ार की चाल।
एक और काला सोमवार! शेयर बाज़ार में हाहाकार! अब कहां जाएगा बाज़ार? एक झटका है संभल जाएगा? या अब बड़ी गिरावट की तैयारी है। बाज़ार में क्या करें और क्या न करें? आलोक जोशी के साथ शेयर बाज़ार के जानकार अजय बग्गा और ट्रेड स्विफ्ट ग्रुप के संदीप जैन।
कोयले का संकट कितना गंभीर? आपको बिजली कटौती के लिए तैयार रहना होगा? समस्या की जड़ कहां है? कोयले की कमी के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है? माइंड योर बिजनेस में आज कोयला, बिजली और राजनीति।
अमेरिकी नागरिकता या ग्रीन कार्ड त्यागने वालों की गिनती रिकॉर्ड ऊँचाई पर है। दस साल में 37000 लोगों ने ऐसा किया। लेकिन इस साल जून तक ही 5300 लोग अमेरिकी नागरिकता ठुकरा चुके हैं। आख़िर चल क्या रहा है?
दस दिनों की तेज़ी के बाद शेयर बाज़ार में तेज़ गिरावट क्या कहती है? दुनिया भर के संकेतों से डरना चाहिए या ट्रेडरों की सुनकर डटे रहना चाहिए? आलोक जोशी की टिप्पणी।Satya Hindi
मल्टीकैप फंड पर सेबी के नए नियमों से खलबली! बड़े शेयरों में बिकवाली का डर! छोटे शेयरों में ख़रीदारी की उम्मीद! लेकिन इस झाँसे में फँसे तो नुक़सान होगा। आलोक जोशी की चेतावनी!
ईएमआई तो टल गईं पर ब्याज का क्या होगा? ब्याज पर ब्याज माफ़ कर देगा सुप्रीम कोर्ट? ऐसा हुआ तो बैंक कहाँ से भरेंगे पैसा? क्या कोर्ट मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ा भी सकता है?