किसान आंदोलन को सरकार के साथ मिलकर बदनाम कर रही मीडिया! किसानों का आंदोलन तेज़, सरकार अब क्यास करेगी? प्रणब दा की किताब ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें! देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का ख़ास विश्लेषण। Satya Hindi
मतदान की समाप्ति के बाद एग्ज़िट पोल पर चर्चाएँ जारी हैं। लेकिन इन सबमें एक चीज पर जो चर्चा नहीं हो रही है वह है मीडिया की भूमिका। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर चर्चा क्यों नहीं?
भारतीय मीडिया में काफ़ी बदलाव हुए हैं और आरोप तो यह लगते हैं कि भारतीय टीवी ने ज़मीर ज़मींदोज कर दिया है। मीडिया की ऐसी स्थिति क्यों है, देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश, आशुतोष और शीतल पी. सिंह की चर्चा।