कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'नरोदा गाम: 12 साल की एक लड़की सहित हमारे 11 नागरिकों की हत्या कर दी गई। 21 साल बाद 67 आरोपी बरी। क्या हमें कानून के शासन का जश्न मनाना चाहिए या निराशा को इसके निधन का जश्न मनाना चाहिए!'
गुजरात के नरोदा गांव में हुई सांप्रादायिक हिंसा के मामले में विशेष अदालत ने अपना फ़ैसला सुना दिया। जानिए, 11 लोगों के ज़िंदा जलाए जाने पर कोर्ट ने किसे दोषी माना।
एसआईटी ने कोर्ट को बताया था कि ट्रेन में आग लगाए जाने से मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए विधानसभा में शोक सभा का आयोजन किया गया था। शोक सभा के आयोजन के बाद माया कोडनानी नरोदा गांव पहुंची और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया।