मध्य प्रदेश में भाजपा-आरएसएस की नीति के मुताबिक प्रदेश सरकार ने कई तरह के आरोप लगाकर 56 मदरसों को बंद कर दिया है। असम और यूपी में भी इस तरह की कार्रवाइयां हुई हैं। आरएसएस का देश की आजादी के बाद से ही मदरसों को लेकर अगर रुख रहा है। उसने देश की आजादी की लड़ाई में मदरसों की भूमिका को भी ठुकरा दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। उसका कहना है कि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। हाईकोर्ट का फैसला ऐसे समय आया है जब लोकसभा चुनाव घोषित हो सकें। सवाल हो रहे हैं कि इस फैसले का फायदा सत्तारूढ़ पार्टी को ध्रुवीकरण में मदद करेगा। यूपी के लोगों को इसका सीधा संकेत जाएगा। जानिए पूरा मामलाः
बीएसपी प्रमुख मायावती ने यूपी में मदरसों का मुद्दा फिर से उठाया है। यूपी की बीजेपी सरकार हाथ धोकर मदरसों के पीछे पड़ी है। तमाम मदरसों को अवैध घोषित किया गया है। लेकिन मायावती का यह मुद्दा उठाने के पीछे अपना मकसद भी है। जानिए पूरा घटनाक्रमः
योगी सरकार ने मदरसों की जांच की शुरुआत लखनऊ के नदवां मदरसे से की है। यह सुन्नी मुसलमानों का बहुत बड़ा सेंटर भी है। जहां पर इस विचारधारा की पढ़ाई भी होती है। देश की आजादी की लड़ाई में इस मदरसे का योगदान रहा है। आखिर इस मदरसे की जांच का क्या अर्थ है।