दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने पाया था कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने देश तोड़ने वाले नारे नहीं लगाये थे। तो फिर अब केजरीवाल ने कन्हैया के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की इज़ाजत क्यों दे दी? सुनिये, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
दिल्ली सरकार ने कह दिया है कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला नहीं बनता है। तो क्या इसे बड़ा मुद्दा बनाने वाली बीजेपी को निराशा ही हाथ लगेगी? सत्य हिन्दी के कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में देखें वरिष्ठ आशुतोष का विश्लेषण।
केजरीवाल सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी है। जबकि पहले सरकार ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार और दूसरे छात्रों के ख़िलाफ़ 'राजद्रोह' का मुक़दमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार पुलिस को मंज़ूरी नहीं देगी। क्या अब कन्हैया कुमार इससे बच जाएँगे?