जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा है कि वो जम्मू कश्मीर के लोगों के आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ेंगे। यहां की जमीन, रोजगार और अन्य संसाधनों का पहला हक जम्मू कश्मीर के लोगों का है। उमर ने कई फैसले लिये हैं और कुछ फैसलों को पलट दिया है।
2018 में राज्यपाल शासन के तहत छह महीने पूरे होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। इसके बाद इसका राज्य का दर्जा छीन लिया गया। धारा 370 को खत्म कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराये गये। जिसमें नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला है। नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्लाह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।