भारत-अमेरिका ने एक असैन्य परमाणु समझौता किया है। इसे सिविल न्यूक्लियर डील भी कहा जाता है। इसे भारतीय कूटनीति की बड़ी समफलता बताया जा रहा है। इसके तहत अब अमेरिका की प्राइवेट कंपनी को भारत में सिविल परमाणु रिएक्टर्स लगाने का मौका मिलेगा। समझा जाता है कि इस समझौते को चीन से मुकाबला करने के मद्देनजर किया गया है।