महंगाई बढ़ने की रफ्तार में कमी आई है। दूसरी तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के दावे भी किए जा रहे हैं। सवाल यह है कि अमीर-गरीब की खाई को पाटे बिना आप ग्रोथ का फायदा अंतिम आदमी या औरत को कैसे दे पाएंगे। चीजों के दाम सस्ते नहीं हुए हैं। गरीब जनता का सरकारी आंकड़ों से कोई लेनादेना नहीं है। वो ये जानता है कि कि महंगाई कहां कम हुई है। पेश है आर्थिक विशेषज्ञ आलोक जोशी का नजरियाः
जिसका डर था, वही आशंका सामने आई है। विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आज मंगलवार को कहा है कि भारत में 2023 में मंदी आ सकती है लेकिन 2024 में हालात मामूली ठीक हो जाएंगे। आईएमएफ ने मंगलवार को विश्व अर्थव्यवस्था आउटलुक रिपोर्ट में यह बात कही।
जीडीपी यानी सकल घरेलू विकास दर पर माथापच्ची जारी है। रिज़र्व बैंक ने आज ही कहा है कि आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी विकास दर 10.5 फ़ीसदी रहेगी। आईएमएफ़ ने भी कहा है कि यह दर 12.5 फ़ीसदी रहेगी। पर कैसे संभव?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। IMF: प्रति व्यक्ति जीडीपी में बांग्लादेश भी होगा भारत से आगे।चिन्मयानंद केस: यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुकरी छात्रा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि साल 2020 में भारत में आर्थिक मंदी पहले के अनुमान से ज़्यादा होगी। नतीजतन, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बदतर होगी।