जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बैंच ने कहा कि सरकार की तरफ से 1991 में अदालत को एक अंडरटेकिंग दी गई थी। उस अंडरटेकिंग के अनुसार पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी तैयार नहीं की गई, कोर्ट ने बीमा पॉलिसी तैयार न करने के लिए सरकार को फटकार भी लगाई।