जम्मू- कश्मीर की ज़्यादातर पार्टियों ने राज्य परिसीमन आयोग के मसौदा प्रस्ताव को क्यों खारिज कर दिया? क्या यह सचमुच बीजेपी के राजनीतिक मक़सद को पूरा करता है?
नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला का ताज़ा इंटरव्यू, जिसमें वह मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बहुत तीखे तेवर अपनाते नज़र आ रहे हैं, घाटी के राजनीतिक और सार्वजनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
फ़ारूक़ अब्दुल्ला पर से पब्लिक सेफ़्टी एक्ट हटा लिया गया है, वह रिहा हो चुके हैं। इसका क्या मतलब है? उन्हें क्यों और किन शर्तों पर आज़ाद किया गया है? क्या इसके पीछे कोई राज है? सत्य हिन्दी पर देखें मुकेश कुमार का विश्लेषण।