संसद से 146 सांसदों के निलंबन ने कई आशंकाओं को जन्म दिया है। यह निलंबन क्या सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए चेतावनी है या फिर इसमें जनता के लिए भी कोई संदेश छिपा है। क्या भारतीय राजनीति विपक्ष मुक्त संसद की तरफ बढ़ रही है। ऐसे ही सवालों को उठाते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की टिप्पणीः