मध्य प्रदेश में हुई गौ-कैबिनेट की चर्चा जितनी उसकी बैठक से पहले हुई, बैठक के बाद उतनी नहीं हुई क्योंकि उसमें ऐसा कुछ हुआ ही नहीं कि कोई बड़ी चर्चा हो सके। क्या बीजेपी को वाक़ई गाय की चिंता है?
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का ‘गाय प्रेम’ सवालों के घेरे में हैं। मध्य प्रदेश की बदहाली किसी से छिपी हुई नहीं है। कोरोना ने राज्य के खजाने को कंगाल कर दिया है।
शिवराज सिंह चौहान द्वारा गोधन संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को तगड़ा झटका लगा है। शिवराज सरकार ने गौ-कैबिनेट की पहली बैठक आगर मालवा में 22 नवंबर को जहाँ रखी है वहाँ बड़ी तादाद में गायों की मौत हुई है।
मध्य प्रदेश में गौ संरक्षण के लिए एक विभाग या मंत्रालय नहीं, बल्कि एक पूरी कैबिनेट होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस फ़ैसले से चौंकिए नहीं। इस फ़ैसले से सवाल ज़रूर उठ सकते हैं कि गायें क्या ख़तरे में हैं।