कांग्रेस ने सरकार से कहा है कि यह जानना बेहद ज़रूरी है कि चीनी कंपनी की यह घुसपैठ कहां तक हुई है और क्या यह डेटा इकट्ठा करने तक सीमित है या उससे भी आगे है।
चीनी कंपनी जेनहुआ डेटा भारत के 10 हज़ार लोगों के ख़ुफ़िया डेटा एकत्रित कर रहा है। इसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सेना प्रमुख, पूर्व सेना प्रमुख से लेकर उद्योगपति रतन टाटा तक हैं। आखिर उसका मकसद क्या है? क्या यह भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरनका है? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।