किसान नेता अशोक तिवारी कहते हैं कि यदि विकास का मौजूदा मॉडल चंबल में लागू हो सका तो यहाँ का ग़रीब और निर्धन बन चुका किसान ग़लत डगर पर चलकर हथियार उठाने को मजबूर हो जायेगा।
विश्व बैंक की मदद से चंबल के बीहड़ों के समतलीकरण और इसे कृषि योग्य बनाने की कोशिश शुरू हुई है। इसमें साज़िश की आशंका जताई जा रही है और कहा जा रहा है कि तबाह हो चुके किसान 'बाग़ियों' की नई फौज के रूप में जन्म लेंगे।