मध्य प्रदेश में हुई गौ-कैबिनेट की चर्चा जितनी उसकी बैठक से पहले हुई, बैठक के बाद उतनी नहीं हुई क्योंकि उसमें ऐसा कुछ हुआ ही नहीं कि कोई बड़ी चर्चा हो सके। क्या बीजेपी को वाक़ई गाय की चिंता है?
प्रधानमंत्री मोदी ने 'ओम' और 'गाय' पर बयान दिया। क्या बीजेपी की राजनीति गाय और हिन्दुत्व को ही आगे बढ़ाने की है? गाय पर इतना ज़ोर क्यों है? बीजेपी के पास क्या दूसरी कोई उपलब्धि नहीं है? अर्थव्यवस्था पर बात क्यों नहीं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव से पहले 'पकौड़ा अर्थव्यवस्था' थी! अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 'गाय-गोबर अर्थव्यवस्था' है! आर्थिक मोर्चे पर नाकामी क्या 'गाय-गोबर-गोमूत्र' से दूर हो पाएगी?