रविवार की सुबह उत्तराखंड में चमोली ज़िले के उच्च हिमालयी इलाक़े में मौजूद ऋषि गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ का सैलाब धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों तक हर तरफ तबाही के निशान छोड़ अब गुज़र चुका है।
क्या चमोली में आए हिमस्खलन की वजह महात्वाकांक्षी ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना है, जिसका विरोध स्थानीय लोगों ने 2005 में ही किया था? क्या इस परियोजना के लिए पहाड़ों को काटे जाने की वजह से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा है और यह हिमस्खलन हुआ है?
उत्तराखंड में हिमस्खलन पहले कई बार हो चुका है। ऊँचे पहाड़ों पर जिस तरह पर्यावरण की उपेक्षा की जाती है और विकास के नाम पर सरकार के तय दिशा-निर्देशो की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं, इस तरह की वारदात न तो अनपेक्षित न ही अभूतपूर्व।