सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में आज 11 जुलाई से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म किए जाने पर सुनवाई होगी। संविधान के इन दोनों आर्टिकल के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे रद्द कर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में 11 जुलाई से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म किए जाने पर सुनवाई होगी। संविधान के इन दोनों आर्टिकल के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे रद्द कर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया।
अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद उमर अब्दुल्ला देश के दूसरे हिस्सों में राजनीतिक दलों और नेताओं के रवैये से नाराज़ हैं। आख़िर उमर इनसे किस बात को लेकर नाराज़ हैं और उन्हें यह बात इतनी ज़्यादा क्यों कचोट रही है?
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- जब तक जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है तब तक मैं विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूँगा। मैं भारत भूमि में सबसे ज़्यादा ताक़तवर विधानसभा का सदस्य रहा।
गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव पेश कर दिया। पर सवाल यह है कि क्या सरकार इसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है?