“बिना सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय के यह देश प्रगति कर ही नहीं सकता”। यह बात राहुल गाँधी ने तब कही जब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पश्चिम बंगाल से बिहार पहुंची। सामाजिक न्याय की धरती, बिहार, में बोले गए उनके यह शब्द भले ही पहले भी कई बार सुने गए हों लेकिन इस बार इन शब्दों में अंतर्निहित भाव बिल्कुल जुदा थे। राहुल गाँधी की भाषा में ‘उद्घोषणा’, ‘चेतावनी’ और ‘आश्वासन’ एक साथ आगे बढ़ते हैं और सामने बैठे जनमानस को ‘गर्व’, ‘अभय’ और ‘आशा’ से भर देते हैं।