“बिना सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय के यह देश प्रगति कर ही नहीं सकता”। यह बात राहुल गाँधी ने तब कही जब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पश्चिम बंगाल से बिहार पहुंची। सामाजिक न्याय की धरती, बिहार, में बोले गए उनके यह शब्द भले ही पहले भी कई बार सुने गए हों लेकिन इस बार इन शब्दों में अंतर्निहित भाव बिल्कुल जुदा थे। राहुल गाँधी की भाषा में ‘उद्घोषणा’, ‘चेतावनी’ और ‘आश्वासन’ एक साथ आगे बढ़ते हैं और सामने बैठे जनमानस को ‘गर्व’, ‘अभय’ और ‘आशा’ से भर देते हैं।
राहुल की ‘सामाजिक न्याय’ की राजनीति: एक उद्घोषणा, चेतावनी और आश्वासन!
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025

देश के लिए महत्वपूर्ण क्या है- मंदिर या सामाजिक न्याय? एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर है और उसे देश की सत्तारूढ़ पार्टी अपनी तरह से भुना रही है। दूसरी तरफ देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं। फैसला जनता को करना है कि उसके लिए महत्वपूर्ण क्या है। कुणाल पाठक ने कर्पुरी ठाकुर, जेपी की धरती पर राहुल गांधी के भाषण को समझने की कोशिश की है, आप भी समझिएः