प्रधानमंत्री मोदी के राजनीतिक गुरु वीडी सावरकर ने 'आज़ाद हिंद फौज' का विरोध किया था और स्वतंत्रता सेनानियों से लड़ने के लिये ब्रिटिश फौज में भारतीयों की भर्ती के लिये मुहिम चलाई थी। मोदीजी के ही दूसरे राजनीतिक गुरु डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, जो बीजेपी की पूर्ववर्ती राजनीतिक पार्टी जनसंघ के संस्थापक थे-  1941 में जब नेताजी सुभाष अंग्रेजों से अंतिम युद्ध की योजना बना रहे थे और 'गांधीजी' के आह्वान पर 'भारत छोड़ो आंदोलन' की तैयारी चल रही थी, जब अधिकांश राष्ट्रवादी नेता अंग्रेजों की जेलों में बंद थे तब 'भारत विभाजन' की मुख्य योजनाकार 'मुसलिम लीग' के साथ सहयोग कर रहे थे।