महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र की चिंचवड़ और कस्बा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी 2 सीटों में से 1 सीट हार गई है जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी ने बड़ी बढ़त बनाई हुई है। दोनों ही सीटों पर उपचुनाव बीजेपी के विधायकों के निधन के बाद हुआ था जिसमें बीजेपी के उम्मीदवारों का सीधा मुकाबला महाविकास आघाडी समर्थित उम्मीदवारों से था। यह उपचुनाव एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ महाविकास आघाडी के लिए भी इम्तिहान से कम नहीं था।
अगर चुनावी समीकरण पर बात की जाए तो महा विकास अघाडी ने बीजेपी से 1 सीट छीन ली है। इन दोनों सीटों पर सत्ताधारी बीजेपी और शिंदे गुट ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन कस्बा सीट पर मिली हार ने बीजेपी और शिंदे गुट को अपनी रणनीति पर विचार करने के लिए विवश कर दिया है। ये दोनों सीटें बीजेपी के विधायकों और लक्ष्मण जगताप और मुक्ता तिलक के निधन के बाद खाली हुई थीं जिन पर उपचुनाव हुआ।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव को बड़ी परीक्षा के रूप में देख रहे थे। इन दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और महा विकास आघाडी की तरफ से जबरदस्त प्रचार किया गया था और दोनों ही गुटों ने अपनी अपनी जीत का दावा किया था लेकिन परिणाम दोनों के पक्ष में आधा-आधा रहा। पुणे की कस्बा सीट पर तो बीजेपी के साथ-साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कई चुनावी प्रचार सभाएं की थीं लेकिन फैसला इसके एकदम उलट निकला। महा विकास आघाडी के नेताओं ने चिंचवड़ और कस्बा में चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता पक्ष द्वारा अनियमितताएं करने का आरोप लगाया था।
कस्बा की सीट पर बीजेपी के हेमंत रासने और कांग्रेस के रविंद्र धंगेकर के बीच सीधा मुकाबला था। कस्बा की सीट पिछले लगभग 3 दशक से लगातार बीजेपी जीतती आ रही थी लेकिन इस बार महा विकास आघाडी की तीनों पार्टियों कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव गुट की सेना ने बीजेपी का काम बिगाड़ दिया और इस सीट पर जीत हासिल की। शुरुआत में कांग्रेस के रविंद्र धंगेकर पीछे चल रहे थे लेकिन एक बार बढ़त बनाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हेमंत रासने को 11,000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया।
चिंचवड़ सीट पर उपचुनाव में शिवसेना के बागी राहुल कराटे की वजह से यह मुकाबला त्रिकोणीय बना था जिसका फायदा बीजेपी की अश्विनी जगताप को हुआ। एनसीपी ने इस सीट से नाना कांटे को मैदान में उतारा था जिसका समर्थन कांग्रेस और उद्धव गुट ने किया था।
कस्बा सीट जीतने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि कस्बा की जनता ने बीजेपी और शिंदे गुट को हराकर साफ संदेश दे दिया है कि अब राज्य के साथ-साथ उनका देश से भी बिस्तर समेटने का समय आ गया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कस्बा सीट पर कांग्रेस को मिली जीत से ना केवल महाविकास गाड़ी के अंदर आत्मविश्वास पैदा होगा बल्कि सत्ता पक्ष के लोगों को भी पता लग जाएगा। पटोले ने कहा कि कस्बा सीट पर मिली जीत लोकतंत्र की नोट तंत्र पर जीत है। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कस्बा में मिली जीत यह दर्शाती है कि अब समय आ गया है कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए सभी पार्टियों को एक साथ आना होगा।
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