रिज़र्व बैंक बोर्ड, उसके गवर्नर और वित्त मंत्रालय या सरकार के बीच रिश्ते अब कैसे होंगे? रिज़र्व बैंक कितना स्वायत्त रहेगा या नहीं रहेगा? 19 नवम्बर की बैठक के बाद अब क्या बदल गया है?

इस पर चर्चा से पहले यह जान लेना चाहिए कि नेहरू सरकार से लेकर अब तक बहुत-सी सरकारों और रिज़र्व बैंक के बीच आर्थिक प्रबन्धन को लेकर बड़े-छोटे मतभेद अकसर होते रहे हैं। सबसे ज़्यादा समय तक रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे बेनेगल रामा राउ (1949-1957) को नेहरू सरकार के वित्त मंत्री टी. टी. कृष्णामाचारी से गम्भीर मतभेदों के बाद पद छोड़ना पड़ा था।