मंडल कमीशन की सिफ़ारिशों को लागू करके पिछड़ों को आरक्षण देने का लाभ पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को नहीं मिला तो क्या ग़रीब सवर्णों को आरक्षण देने का फ़ायदा बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिल पाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की सरकार की घोषणा के बाद इसके राजनीतिक परिणामों का आकलन लगाना ज़रूरी है।

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की सरकार की घोषणा के राजनीतिक परिणामों का आकलन लगाना ज़रूरी है। सरकार का यह फ़ैसला एक चुनावी फ़ैसला ही नज़र आ रहा है।
आज़ाद भारत के इतिहास के कुछ पन्ने इसका जवाब ढूंढने में मदद कर सकते हैं। ज़्यादा पीछे नहीं, सिर्फ़ 1989-90 तक जाने की आवश्यकता है। बोफ़ोर्स तोप घोटाले को उछालकर विश्वनाथ प्रताप सिंह भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक ऐसे लड़ाके के रूप में उभरे, जिसने राजीव गाँधी जैसे योद्धा को भी पराजित कर दिया जो 1985 के लोकसभा चुनाव में 400 से ज़्यादा सीटों पर कांग्रेस को जीत दिलाकर अपनी माँ इंदिरा गाँधी और नाना जवाहर लाल नेहरू से भी ज़्यादा शक्तिशाली नेता बनकर उभरे थे।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक