पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारे का एक तरह से उद्घाटन कर दिया। इस मौक़े पर भारत सरकार की तरफ से दो मंत्री - हरसिमरत कौर और हरदीप पुरी मौजूद थे। पर सबकी निगाहों में बसे रहे नवजात सिंह सिद्धू। वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा से तीन महीने पहले गले मिलने के कारण बीजेपी और भारतीय राष्ट्रवादी चैनलों की आँखों में खलनायक बने हुए हैं।
एक बार फिर जब उन्होंने इमरान खान की तारीफ़ में कसीदे पढ़े तो एक बार फिर बीजेपी की त्यौरियाँ चढ़ गईं और फिर उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़े किए जाने लगे। पर सिद्धू कहाँ मानने वाले? आज उद्घाटन के मौक़े पर फिर इमरान को ‘यार दिलदार’ बोल दिया। फिर सारे देशभक्त उनके पीछे पड़ गए। इमरान खान ने भी सिद्धू की जमकर तारीफ़ की। करतारपुर गलियारे के खुलने के लिए सिद्धू को कुछ क्रेडिट दिया। इमरान यह भी कह गए कि क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को सुधरने के लिये सिद्धू के प्रधानमंत्री बनने तक इंतज़ार करना पड़ेगा?

पाक के सेना प्रमुख बाजवा से गले मिलने के कारण सिद्धू बीजेपी और राष्ट्रवादी चैनलों के लिए खलनायक बने हुए हैं। लेकिन पाक के असली खेल की तरफ़ किसी का ध्यान नहीं है।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।