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फ़ोटो साभार: ट्विटर/तापिर गाव

अरुणाचल युवक अपहरण केस: चीनी सेना ने कहा- उसे एक युवक मिला है

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने भारतीय सेना को पुष्टि की है कि उसे एक लापता युवक मिला है। हालाँकि, चीनी सेना ने यह पुष्ट नहीं किया है कि उसे जो युवक मिला है वह वही है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश से 'लापता' हुआ है। अधिकारी अब यह पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं। अरुणाचल के बीजेपी सांसद तापिर गाव ने आरोप लगाया था कि पीएलए सैनिकों ने 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र से एक 17 वर्षीय युवक का अपहरण कर लिया था।

बीजेपी सांसद तापिर ने कहा था कि इस युवक का अपहरण ऊपरी सियांग जिले से हुआ है और इसका नाम मीराम तारौन है। उन्होंने कहा था कि मीराम तारौन का दोस्त जॉनी चीनी सेना के चंगुल से बचकर निकलने में सफल रहा और उसने इस बात की सूचना सरकारी अफसरों को दी। ये दोनों लोग अरुणाचल प्रदेश के जिडो गांव के रहने वाले हैं और शिकारी हैं। 

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बीजेपी सांसद ने कहा था कि यह घटना त्संगपो नदी के उस किनारे पर हुई है, जहां से त्संगपो नदी अरुणाचल प्रदेश के रास्ते भारत में प्रवेश करती है।  

बीजेपी सांसद ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक को भी इस घटना की जानकारी दी। तापिर कई बार अरुणाचल प्रदेश में चीन के द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर आवाज़ उठा चुके हैं।

मीराम तारौन के लापता होने को लेकर भारतीय सेना ने पीएलए से संपर्क किया था। 

रिपोर्ट है कि पीएलए तसवीरों के ज़रिए युवक की पहचान की पुष्टि करेगी और फिर उसे वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगी। कहा जा रहा है कि इसमें क़रीब एक सप्ताह का समय लग सकता है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि सेना इस मामले पर पीएलए के संपर्क में है।

इस मामले ने तब राजनीतिक तूल पकड़ा था जब घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया था।

राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा था और लिखा था, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुज़दिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें इसकी परवाह नहीं।'

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ऐसी घटना सितंबर 2020 में भी घटी थी जब चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में पांच भारतीय युवकों का अपहरण कर लिया था और 1 हफ्ते के बाद उन्हें रिहा किया गया था। वैसे भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद है। 2020 में लद्दाख के गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी और उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव का माहौल है। 

चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है और वह एक विवादित इलाके में पूरा गांव भी बसा चुका है।

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क़मर वहीद नक़वी
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