प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान उनके साथ जाने वालों की सूचना देना देश की प्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ होगा। ये कहना है भारतीय वायु सेना का। भारतीय वायु सेना ने केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि वायु सेना पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान उनके साथ जाने वालों के नाम, पद की सूचना 15 दिनों में उपलब्ध कराये।
भारतीय वायु सेना ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि सीआईसी का ये निर्देश सूचना के अधिकार के दायरे से बाहर है।
वायु सेना की तरफ से सीआईसी के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के लिए स्पेशल फ्लाइट रिटर्न- II की आधिकारिक जानकारी, प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला है। पीएम की सुरक्षा के लिए तैनात एसपीजी की जानकारी सूचना अधिकार के दायरे से बाहर होती है।
केन्द्रीय सूचना आयोग का आदेश
कमोडोर (रिटायर्ड) लोकेश बत्रा ने सीआईसी में याचिका दायर कर मांग की थी कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के दौरान उनके साथ जाने वालों की सूचना प्रदान की जाए। सीआईसी ने भारतीय वायु सेना के सीपीआईओ को आदेश जारी करते हुए कहा था कि पूरी सूचना की कॉपी कमोडोर (रिटायर्ड) लोकेश बत्रा को 15 दिनों के अंदर उपलब्ध करायी जाए।
विदेशी यात्राओं पर 335 करोड़ खर्च
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़ अपने 48 महीनों के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 41 विदेश यात्राओं के दौरान 50 से ज़्यादा देशों का भ्रमण किया। इन विदेश यात्राओं पर 355 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए हैं और इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुल 165 दिन विदेशों में गुज़ारे हैं। 15 जून, 2015 से बाद की इन यात्राओं पर कुल 3,55,30,38,465 रुपये ख़र्च हुए।
पीएम केयर्स फंड पर भी इनकार
कोविड के दौरान बने पीएम केयर्स फंड पर भी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचना देने से इनकार कर दिया था। सोशल वर्कर और पर्यावरणवादी विक्रांत तोंगड़ ने पीएम केयर्स फंड के माध्यम से जुटायी गयी धनराशि के मामले में पीएमओ से सूचना मांगी थी लेकिन पीएमओ ने ये कहकर आरटीआई के तहत सूचना देने से इनकार कर दिया था कि आरटीआई के अंतर्गत 12 मदों में सूचना मांगी गयी थी।
आरटीआई के तहत पीएम मोदी से जुड़े मसलों जैसे- उनकी शिक्षा, नागरिकता, उनके महंगे सूट पर भी सूचना मांगी जा चुकी है।
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