loader
यह वीडियो फोटो आप ने जारी किया है। पैसे बांटने का आरोप है।

दिल्ली-मिल्कीपुर में मतदान वाले दिन भी बंटे पैसे और फर्जी वोटिंग हुई

आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच बुधवार को तीखे आरोप-प्रत्यारोप लगे। आप ने दावा किया कि बीजेपी मतदान केंद्रों के पास पैसे बांट रही है, जबकि दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि आप फर्जी मतदान करा रही है। आप ने पैसे बांटने का वीडियो जारी किया है। यूपी के मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा ने मतदाताओं को धमकाने और फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया है।

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि “भाजपा के गुंडे” राष्ट्रपति भवन के पास पैसे बांट रहे थे। संजय सिंह ने कहा- “बीजेपी के गुंडे राष्ट्रपति भवन के पास बूथ नंबर 27 एन ब्लॉक पर पैसे बांट रहे थे। यह बेहद संवेदनशील इलाका है. जब मैं वहां पहुंचा, तो वे भाग गए।” संजय सिंह ने एक्स पर एक वीडियो के साथ पोस्ट किया। उन्होंने कहा, ''दिल्ली में चुनाव हो रहे हैं और यह एक मजाक है।''

ताजा ख़बरें

एक्स पर एक पोस्ट में आम आदमी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जंगपुरा की एक इमारत में मतदाताओं को पैसे बांट रही है। उसने वहां का वीडियो भी जारी किया है। आप ने कहा- "जंगपुरा में बीजेपी खुलेआम मतदाताओं को एक इमारत में ले जा रही है और पैसे बांट रही है।" 

हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि इमारत से पैसे बांटने के आरोप साबित नहीं हो सके हैं। स्थिति नियंत्रण में है और भ्रम दूर हो गया है।

आप पर फर्जी मतदान का आरोप

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर राष्ट्रीय राजधानी में फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाया। सचदेवा ने कहा-  “दिल्ली में परिवर्तन की लहर है। लोग भ्रष्ट सरकार के खिलाफ वोट कर रहे हैं. अब, यह 'आप-दा' - 'फर्जी' सरकार इस हद तक आ गई है कि वह फर्जी मतदान की सुविधा दे रही है।''

उन्होंने कहा, "हमारे पास जो जानकारी है वह यह है कि कस्तूरबा नगर निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को फर्जी वोट डालते हुए पकड़ा गया था... मैं दिल्ली के लोगों से उनकी (आप) रणनीति के प्रति सतर्क रहने और पीएम मोदी के विकसित भारत और विकसित दिल्ली के संकल्प को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील करता हूं...''

मिल्कीपुर में गड़बड़ी का आरोप

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक ऑडियो क्लिप साझा करते हुए दावा किया कि इससे पता चलता है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में पीठासीन अधिकारी सत्तारूढ़ भाजपा की मदद करने के लिए "फर्जी मतदान" के "लक्ष्य" को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों की देखरेख में होने वाले चुनावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए और "प्रथम दृष्टया ऑडियो साक्ष्य" के आधार पर निलंबित किया जाना चाहिए। सपा प्रमुख ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से ऐसे "लोकतंत्र के दुश्मनों" पर संज्ञान लेने का भी आह्वान किया।

चुनाव गड़बड़ी को लेकर अखिलेश यादव ने एक्स पर एक और ट्वीट किया। इसमें फोटो भी शामिल हैं। यादव ने दावा किया कि पुलिसकर्मी मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की आईडी की जांच कर रहे थे। ताकि उनमें "डर पैदा किया जा सके।" एक्स पर एक पोस्ट में, यादव ने एक मतदान केंद्र के बाहर एक व्यक्ति के आईडी कार्ड की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी की तस्वीर साझा की। 

यादव ने कहा, "इस खबर से जुड़ी तस्वीरों पर चुनाव आयोग को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए कि अयोध्या पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर रही है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।" उन्होंने कहा, "यह अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं के बीच भय पैदा कर मतदान को प्रभावित कर लोकतंत्र की हत्या है। ऐसे लोगों को तुरंत हटाया जाना चाहिए और दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।"

अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करण नैय्यर ने कहा कि तस्वीर में पुलिसकर्मी एक पोलिंग एजेंट के आईडी कार्ड की पुष्टि कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून प्रवर्तन अधिकारी मतदाताओं के पहचान दस्तावेजों की जांच नहीं कर रहे हैं।

देश से और खबरें
मिल्कीपुर में विधानसभा उपचुनाव में सपा के अजीत प्रसाद और भाजपा के चंद्रभानु पासवान के बीच सीधा मुकाबला है। कुल दस उम्मीदवार मैदान में हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में, मिल्कीपुर एकमात्र विधानसभा सीट थी जिसे भाजपा ने अयोध्या जिले में खो दिया था। उपचुनाव की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा के अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट खाली कर दी थी। भले ही सपा सीट बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, लेकिन भाजपा इस चुनाव को फैजाबाद में अपनी हार का बदला लेने के अवसर के रूप में देख रही है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें