किसान आंदोलन के बाद से ही हवा थी कि हरियाणा में कांग्रेस आ रही है। कुछ विश्लेषकों का यही बात कहने का इतर अंदाज़ था। वे कहते थे कि कांग्रेस आ नहीं रही है, बीजेपी जा रही है। हालाँकि दोनों अभिव्यक्ति में एक ही अर्थ समाहित है लेकिन दूसरी अभिव्यक्ति के अंतर्निहित अर्थ थोड़े भिन्न हैं जो उन लोगों को सुखानुभूति देता था जो बीजेपी के धुर विरोधी थे; बीजेपी की नीतियों से दुःखी थे। बीजेपी को राज्य से 'भगाने' की अभिव्यक्ति उन्हें सुख का एहसास कराती थी। हालात ऐसे बन भी गए थे कि बीजेपी का सत्ता में लौटना मुमकिन नहीं है। बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा था क्योंकि उनका अपना सर्वे सिर्फ 27 सीटों पर विजय दिखा रहा था। नब्बे सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों जरूरत है। सर्वे के हिसाब से पार्टी सत्ता से 19 सीटों से दूर थी।