प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने राजधर्म का निर्वाह कर रहे हैं या फिर अपनी राजनीतिक मजबूरी बता रहे हैं? जो भी हो, अयोध्या में राम मंदिर पर केंद्र सरकार की स्थिति साफ़ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बधाई के पात्र हैं। प्रधानमंत्री ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए एक इंटरव्यू में साफ़ किया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक केंद्र सरकार कोई अध्यादेश नहीं लाएगी। पिछले 4-5 महीनों से संघ परिवार जिस तरह से केंद्र सरकार पर दबाव बना रहा था, उससे कुछ लोगों को आशंका थी कि केंद्र सरकार मई 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले अध्यादेश लाकर मंदिर बनाने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाने की बात कही है क्योंकि उन्हें पता है कि राम मंदिर मुद्दे के दम पर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना बहुत मुश्किल है।
फ़िलहाल इस बहस पर विराम लग गया है। लेकिन प्रधानमंत्री का इंटरव्यू प्रसारित होने के तुरंत बाद संघ परिवार के कुछ नेताओं ने जिस तरह से तीखी टिप्पणी ज़ाहिर की है उससे यह भी साफ़ है कि सरकार इस मुद्दे से आसानी से पीछा नहीं छुड़ा पाएगी। यहाँ, यह उल्लेख करना ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी से राम जन्मभूमि विवाद पर फिर से सुनवाई शुरू हो रही है, हालाँकि सुनवाई के लिए अभी सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच बनेगी और नए सिरे से सुनवाई की प्रक्रिया तय की जाएगी।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक