बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित गोरक्षकों की कृपा से उत्तर प्रदेश के गाँव अब गायों और बैलों के आतंक से जूझ रहे हैं। इन गाँवों में स्वच्छंद घूम रहे बैलों और गायों के झुंड खेतों में खड़ी फ़सल तबाह कर रहे हैं। अलीगढ़ के गाँवों में किसानों ने आवारा गायों और बैलों के झुंड को स्थानीय स्कूलों तथा दूसरे सरकारी दफ़्तरों में क़ैद करके विरोध जताने का नया तरीक़ा शुरू किया है।
अब गाँवों में गाय-बैल के आतंक से किसान परेशान
- विश्लेषण
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- शैलेश
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- 27 Dec, 2018

पुलिस और प्रशासन इन आवारा पशुओं को गौशालाओं में रखवाने के लिए परेशान है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में आवारा गायों और बैलों पर नियंत्रण की माँग को लेकर लगातार प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। ख़ास बात यह है कि आवारा गाय-बैलों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले किसान हिन्दू हैं। कई इलाक़ों में मुसलमान किसानों ने तो गाय पालना ही बंद कर दिया है।
आवारा पशुओं की समस्या बढ़ी
2017 में योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में आवारा गायों और बैलों की समस्या तेज़ी से बढ़ी है। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जिन कामों को उच्च प्राथमिकता दी, उसमें गोरक्षा शामिल है। इसके बाद से गाँवों में गोरक्षा के नाम पर अराजक लोगों की भीड़ खड़ी हो गई है। ये गोरक्षक गायों और बैलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले किसानों पर भी बेरोकटोक हमला करते हैं। मुसलिम गायपालक किसानों और जानवर बेचने-ख़रीदने का धंधा करने वाले मुसलिम व्यापारियों पर कई जगह हमले भी हुए।