बार्क की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले सप्ताह (7-13 नवंबर) टीवी पर ऐड देने वाली कंपनियों में बीजेपी ने ऐमज़ॉन और ट्रिवागो जैसी बड़ी-बड़ी मल्टीनैशनल कंपनियों को भी पछाड़ दिया है। यानी बीजेपी टीवी पर विज्ञापन देने वाली 'नंबर वन कंपनी' हो गई है।
इसमें चौंकने वाली कोई बात नहीं है। चौंकने वाली बात यह भी नहीं है कि बीजेपी के पास इतना पैसा कहाँ से आया। केंद्र सहित देश के 19 राज्यों में अकेले या मिल कर राज करने वाली पार्टी को पैसों की भला क्या कमी होगी! फिर सारा उद्योग जगत बीजेपी और मोदी की वाहवाही (पढ़ें जी-हुज़ूरी) में लगा है। उद्योगपतियों से मोदी जी की मैत्री भी ढकी-छुपी बात नहीं है।मोदी ख़ुद भी कह चुके हैं कि मैं उनमें नहीं जो उद्योगपतियों को गाली देते हैं।
लेकिन मैं यहाँ दूसरी बात कर रहा था।
'दंड' नहीं तो 'दाम' चलेगा, 'दाम' नहीं तो राम चलेगा
- राजनीति
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- 24 Nov, 2018

विज्ञापनदाता के रूप में बीजेपी का चेहरा है, वह पार्टी का एक और रूप दिखाता है। वह है दामरूप। दंड से आप किसी को बहुत दिनों तक नहीं दबा सकते। दबाते हैं तो बात खुल भी जाती है और उससे थोड़ी बदनामी भी होती है। लेकिन दामरूप के आगे तो मीडिया ख़ुशी-ख़ुशी लंबलेट हो जाएगा। जैसे ही विज्ञापन मिले, ऐड विभाग से संदेश आ जाएगा कि भैया, ध्यान रखना। नहीं भी आए तो समझदार और अनुभवी संपादक और शिफ़्ट प्रभारी जान जाते हैं कि इनसे जुड़ी खबरों का क्या करना है।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश