अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए 5 युवकों को चीन ने भारत को सौंप दिया है। उस समय स्थानीय अख़बारों में यह ख़पर छपी थी कि सुबनसिरी के जंगलों में शिकार को गए 5 युवकों को पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने पकड़ लिया और अपने साथ ले गए।
पीएलए ने शनिवार को इन युवकों को अपनी सीमा के अंदर ही भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। वे दोपहर बाद किबितू पास के इलाक़े से भारतीय सीमा में दाखिल हुए।
शनिवार को असम के तेज़पुर में तैनात सेना के प्रचार विभाग ने ट्वीट कर इन युवकों के छोड़े जाने की पुष्टि कर दी है।
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क्वरेन्टाइन
सेना ने एक बयान में कहा है कि इन युवकों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 14 दिनों का क्वरेन्टाइन किया जाएगा, उसके बाद उन्हें अपने घर जाने की अनुमति होगी।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रिहाई पर खुशी जताई है।
इस पूरे मामले की शुरुआत 2 सितंबर को पूर्वी अरुणाचल के सांसद तापिर गाओ के ट्वीट से हुई थी। उन्होंने कहा था कि 'अपर सुबनिसिरी ज़िले में मैकमोहन लाइन के सेरा 7 से पीएलए के लोगों ने तागिन समुदाय के 5 युवकों का अपहरण कर लिया। ऐसा मार्च में भी हुआ था।'
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चीनी सेना से इन गायब लोगों के बारे में पूछा था। चीनी सरकार के नियंत्रण में चलने वाले अख़बार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि 'चीन ने कथित अरुणाचल प्रदेश को कभी भी मान्यता नहीं दी, यह चीन के दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है।'
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