पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के लिए सभी लोग ममता बनर्जी के नाम और काम को श्रेय देंगे, लेकिन इस जीत में प्रशांत किशोर की भूमिका बहुत बड़ी है। उन्होंने जिस तरह से इस चुनावी युद्ध की रणनीति बनाई, उसी का फल है कि तृणमूल को दो-तिहाई से ज़्यादा सीटें जीतकर सत्ता में आ रही है।
प्रशांत छाप साबुन ने कैसे ममता की साड़ी को चमका दिया!
- विश्लेषण
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- 2 May, 2021

सोचने की बात थी कि वामपंथी और कांग्रेसी वोटरों ने कैसे बीजेपी जैसी पार्टी को वोट दे दिया जो विचारधारा में उसके बिलकुल अलग थी? साफ़ था कि ये वामपंथी और कांग्रेसी समर्थक किसी बात से तृणमूल कांग्रेस और उसकी सरकार से बहुत नाराज़ थे और इस नाराज़गी के चलते ही उन्होंने अपनी विचारधारा से भी समझौता कर लिया।
इस लेख में हम यही समझेंगे कि किस तरह प्रशांत किशोर ने चुनावों के लिए तृणमूल की रणनीति का खाका खींचा और उसे अमली जामा पहनाया।
आप सब जानते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था हालाँकि तृणमूल का प्रदर्शन भी बुरा नहीं था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि तृणमूल के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद उसकी सीटें कम क्यों हुई। आइए, उसे हम नीचे समझते हैं।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश