नरेंद्र मोदी की सरकार विदेशी दबाव में आ गयी। फिर मोदी सरकार के दबाव में आकर बीजेपी ने नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिन्दल को क्रमश: निलंबित और निष्कासित कर दिया। उन्हें फ्रिंज एलिमेंट करार दिया। इनमें से हर एक बात बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए चौंकाने वाली थी। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि वाकई ऐसा हो सकता है। अपने कार्यकर्ताओं के गुस्से से चिंतित बीजेपी और उसकी सरकार ने अब एक रास्ता निकाल लिया है। रास्ता है दो के बदले 32 पर एफआईआर।
राजनीतिक विरोध को दबाने का एक्शन है दो के बदले 32 पर FIR
- विश्लेषण
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- प्रेम कुमार
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- 10 Jun, 2022

प्रेम कुमार
पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद दिल्ली पुलिस ने असदुद्दीन ओवैसी सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। जबकि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को गिरफ्तार तक नहीं किया जा रहा है। इसका क्या मतलब है?
नुपुर-नवीन पर एफआईआर तो होंगे लेकिन गिरफ्तारी नहीं होगी। अगर गिरफ्तारी पर विपक्ष ने जोर दिया, हंगामा किया तो सबसे पहले हंगामा करने वाले नेताओं की गिरफ्तारी होगी। इसमें नेता भी होंगे और पत्रकार भी। नेताओँ में वे होंगे जिनकी गिरफ्तारी से बीजेपी कार्यकर्ताओं को सुकून मिलेगा।
जाहिर है असदुद्दीन ओवैसी का नाम इसमें ऊपर है। मगर, बाकी राजनीतिक दल भी ऐसी भूल ना करें क्योंकि उनके खिलाफ भी एक्शन लिए जा सकते हैं। रिकॉर्ड खंगाले जा सकते हैं और एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है।
प्रेम कुमार
प्रेम कुमार समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।