उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की हार के साथ ही समाजवादी आंदोलन का एक युग समाप्त होता दिखाई देता है। ये दोनों ही पार्टियाँ अपनी पूर्ववर्ती समाजवाद समर्थक पार्टियों के गर्भ से पैदा हुई थीं और देश के पिछड़ा वर्ग आंदोलन का हरावल दस्ता बन कर उभरी थीं। देश भर में सामाजिक-आर्थिक बदलाव के व्यापक दर्शन से आरंभ होकर ये पार्टियाँ अंतत: परिवारवाद की दहलीज पर दम तोड़ती दिखाई दे रही हैं।