जमानत पर तिहाड़ से बाहर आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का एलान करते हुए कहा था कि वे जनता की अदालत से बरी होकर ही दोबारा कुर्सी पर बैठेंगे! अब आप की बैठक में आतिशी मार्लेना सिंह को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुन लिया गया। अब सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल का अगला कदम क्या होगा? क्या वे हरियाणा विधानसभा चुनाव में सक्रिय होंगे? केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के हैं। दस साल की सत्ता विरोधी लहर के कारण भाजपा हरियाणा में फंसी हुई है। कांग्रेस भाजपा को मजबूत टक्कर दे रही है। बावजूद इसके पिछले दिनों कांग्रेस 'आप' के साथ गठबंधन करके कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी। इसलिए दोनों तरफ से पहल हुई। संभवतया राहुल गांधी चाहते थे कि 'आप' के साथ गठबंधन हो। दरअसल, राहुल गांधी सहयोगी दलों को एकजुट रखते हुए इंडिया एलायंस को मजबूत रखना चाहते हैं। लेकिन अंततः बात नहीं बनी। 'आप' ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और 'आप' के एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल राहुल गांधी और कांग्रेस पर भी हमलावर होंगे?

राहुल गांधी आरक्षण बढ़ाने और जाति जनगणना कराने की मांग करते हैं। जबकि केजरीवाल आरक्षण विरोधी आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। केजरीवाल पॉपुलर पॉलिटिक्स के रोल मॉडल हैं। जबकि राहुल गांधी सबाल्टर्न पॉलिटिक्स के पैरोकार हैं।
इसीलिए यह भी सवाल उठ रहा है कि जो नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते थे, क्या अब केजरीवाल के सहारे ही राहुल गांधी का प्रतिरोध खड़ा करना चाहते हैं। इसका एक मतलब यह भी है कि राहुल गांधी की राजनीति के आगे मोदी ब्रांड और अमित शाह की चाणक्य नीति दम तोड़ चुकी है। एक सवाल यह भी है कि क्या केजरीवाल के जरिए राहुल गांधी को रोका जा सकता है?
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।