किसान तनाव में क्यों हैं। इसे समझना है तो किसान क्रेडिट कार्ड के खराब लोन के आंकड़ों का विश्लेषण कीजिये। सब समझ में आ जायेगा। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में पिछले चार साल में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों में बैड लोन (एनपीए) में 42% की तेज वृद्धि देखी गई है। केसीसी किसानों को दी जाने वाली एक रिवॉल्विंग नकद ऋण सुविधा है। किसान की आमदनी नहीं बढ़ने के कारण वे इसे चुकाने में नाकाम रहते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंडियन एक्सप्रेस को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अनुरोध के जवाब में बताया कि इस सेगमेंट में एनपीए की राशि मार्च 2021 के अंत में 68,547 करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 के अंत तक 97,543 करोड़ रुपये हो गई। यानी किसान यह पैसा बैंक को वापस नहीं कर सके।