सुप्रीम कोर्ट से आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द हो चुकी है। वह दोबारा जेल में होगा। मगर, सवाल यह है कि वह जेल से बाहर आया क्यों? और, इससे भी बड़ा सवाल है कि वे किसान जेलों में क्यों बंद हैं जो आंदोलनकारी हैं?
जेलों में बंद क्यों रहें किसान?, सुप्रीम कोर्ट देगा ध्यान?
- विश्लेषण
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- 21 Apr, 2022

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले कई किसान लंबे समय से जेलों में बंद हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है। इन किसानों की रिहाई के मसले पर सुप्रीम कोर्ट कब ध्यान देगा?
प्रश्न सिर्फ लखीमपुर खीरी केस से जुड़े किसानों के जेलों में बंद होने का नहीं है। तिहाड़ जेल में अब भी बंद 122 किसानों का भी है।
आखिर क्यों लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट को बारंबार दखल देना पड़ा? हर दखल के नतीजे निकले, वे बेनतीजे नहीं रहे। फिर भी सुप्रीम कोर्ट के लिए दखल देने की स्थिति बरकरार है तो क्यों? इससे पता चलता है कि लखीमपुर खीरी केस कितना हाईप्रोफाइल है और इसके कितने बहुआयामी असर हैं। स्पष्ट यह भी हो रहा है कि लखीमपुर खीरी केस को प्रभावित करने वाली शक्तियां सक्रिय हैं और सुप्रीम कोर्ट देख-समझ करके भी रूटीन हस्तक्षेप से आगे नहीं बढ़ सका है।