कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में राजनीतिक सरोकार की परिभाषा को बदल दिया है। उनके सरोकार और देश के प्रधानमंत्री के सरोकार अब जनता और बौद्धिक लोगों के सामने स्पष्ट हैं। फिर भी अगर कोई ईमानदार न होना चाहे तो उसकी मर्जी। आखिर राहुल गांधी में इंडिया गठबंधन को लीड करने की क्षमता क्यों नहीं है, यह बेतुका सवाल क्यों बार-बार उठाया जा रहा है। राहुल को अब नजरन्दाज नहीं किया जा सकता। पत्रकार रेनू त्रिपाठी का विचारोत्तेजक आकलनः