अमेरिका के 50 राज्यों में से कुछ राज्य ऐसे हैं जो असल में राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम तय करते हैं। इस बार ऐसे 12 राज्य हैं जो चुनाव में किसी भी दिशा में जा सकते हैं और इसी आधार पर तय हो सकता है कि डोनल्ड ट्रंप जीतेंगे या फिर जो बाइडेन।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बहत्तर घंटों में ही राष्ट्रपति ट्रंप न केवल अस्पताल से लौट गए बल्कि व्हाइट हाउस की बालकनी में आकर मास्क उतार कर खड़े रहे। उनका संदेश सीधा था- वो एक मज़बूत राष्ट्रपति हैं जो वायरस से डरे नहीं बल्कि लड़े।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच हुई पहली सीधी बहस में अगर कुछ याद रखा जाने लायक है तो वह राष्ट्रपति ट्रंप का बेदह बुरा रवैया।
डोनल्ड ट्रंप सुप्रीम कोर्ट में एमी कोनी बैरेट को न्यायाधीश बनाना चाहते हैं। वह कंज़रवेटिव हैं। अगर चुनावों में ट्रंप हारते हैं तो यह मामला कोर्ट में जा सकता है और तब पसंदीदा जज होने से फ़ैसले पर असर पड़ सकता है।
अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन हाल के दिनों में चुनावी फंडिंग पाने में ट्रंप से आगे निकल गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव फंडिंग क्या इशारा करती है?
नस्ल अमेरिकी चुनाव का एक बड़ा मुद्दा होगा, अतिश्योक्ति नहीं है, बल्कि यही ज़मीनी सच्चाई है। जैसा कि भारत में होता है हिंदू मुसलमान भेदभाव पर चुनाव लड़े जाते हैं