कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों के मुख्य आरोपी शेख शाहजहाँ को संदेशखाली से गिरफ्तार करने पर कोई रोक नहीं है। बंगाल पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे। अदालत ने कहा, "हम स्पष्ट करते हैं कि किसी भी कार्यवाही में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है और उन्हें (शाहजहां) आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। जाहिर तौर पर उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत है।"
अदालत को सोमवार को यह स्पष्टीकरण तब देना पड़ा, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार रात एक अजीबोगरीब दावा किया। अभिषेक ने कहा बंगाल सरकार शाहजहाँ को गिरफ्तार करने में असमर्थ है क्योंकि अदालत ने "पुलिस के हाथ बाँध दिए हैं।"
विपक्षी दल भाजपा ने बनर्जी के बयान को "अदालत की अवमानना" बताते हुए खारिज कर दिया। ईडी टीम पर 5 जनवरी को संदेशखाली में हमला हुआ था। इसमें शेख शाहजहां को नामजद किया। इसमें एसआईटी बनाने पर कोर्ट ने रोक लगाई थी। इस पर संदेशखाली जांच में देरी के लिए हाईकोर्ट को दोषी ठहराने की कोशिश की गई।
अदालत को सोमवार को बताया गया कि पिछले साल दिसंबर तक 43 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से 42 में आरोपपत्र दायर किए गए। अदालत को बताया गया, "आदिवासी समुदाय के सदस्यों की जमीन हड़पने के मामले में सात मामले दर्ज किए गए हैं।" इस पर इस पर अदालत ने कहा, "हैरानी की बात है कि चार साल में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।"
रविवार को अभिषेक बनर्जी ने कहा था "...शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करने वालों को अपॉइंटमेंट लेना चाहिए और अदालत से पूछना चाहिए कि यह रोक क्यों दी गई। क्या यह सुनिश्चित करने के लिए था कि भारतीय जनता पार्टी इस घटना से लाभ उठा सके?" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तृणमूल अपने मौजूदा ताकतवर नेता को नहीं बचा रही है।
बनर्जी ने कहा कि "अगर हाईकोर्ट राज्य प्रशासन से हाथ मिला ले तो क्या किया जा सकता है? 5 जनवरी की घटना को लेकर दावा किया गया कि ईडी अधिकारियों पर हमला किया गया। केंद्रीय एजेंसी ने शिकायत दर्ज कराई। हाईकोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया। लेकिन लगभग 10-12 दिन बाद ईडी ने हाईकोर्ट में एसआईटी पर रोक लगाने की अपील की। याचिका स्वीकार कर ली गई। इसका मतलब है कि वे कोई जांच, गिरफ्तारी, समन या पूछताछ नहीं चाहते हैं।"
बनर्जी ने कहा कि "अगर हाईकोर्ट राज्य पुलिस के हाथ बांध देता है, तो वे किसी को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं?" उन्होंने तृणमूल नेताओं उत्तम सरदार और शिबू हाजरा की गिरफ्तारी की ओर इशारा करते हुए फिर पूछा। टीएमसी नेता ने कहा- "मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं...तृणमूल शाहजहां की सुरक्षा नहीं कर रही है। न्यायपालिका है। रोक हटाएं और देखें कि पुलिस आगे क्या करती है...।" इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 मार्च को तय की है।
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