लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में गिरफ्तार केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। आशीष मिश्रा को शनिवार को लखीमपुर खीरी में 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा है कि वह पूछताछ और जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्हें जाँच में सहयोग नहीं करने की वजह से ही गिरफ़्तार किया गया।
आशीष पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक हफ़्ते पहले लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों पर तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चढ़ा कर उन्हें रौंद दिया। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। उस हिंसा में कुल आठ लोग मारे गए थे। आशीष और उनके पिता अजय कुमार मिश्रा ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
इस मामले में गिरफ़्तारी से पहले पूछताछ के दौरान वह कई सवालों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए कि वे घटना के दिन दोपहर 2.36 बजे से 3.30 तक कहाँ थे और क्या कर रहे थे। 3 अक्टूबर को किसानों को रौंदने की वह घटना उसी दौरान हुई थी।
घटना के दो दिन बाद ही आशीष पर हत्या के एक मामले में नामजद एफ़आईआर दर्ज हो पाई थी। और इसके पांच दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हो पाई। हालाँकि उनके ख़िलाफ़ आरोप आमतौर पर तत्काल गिरफ्तारी के लायक हैं। इसी वजह से सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या उनके पिता के मंत्री होने की वजह से उन्हें लाभ दिया गया।
मीडिया रिपोर्टों में यूपी पुलिस के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आशीष 3 अक्टूबर की घटना के दौरान अपने ठिकाने के बारे में कई तथ्यों को स्पष्ट नहीं कर पाये थे। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को अभी तक घटनास्थल पर दो खाली कारतूसों के सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। ये तथ्य किसानों के इस दावे को पुष्ट करते हैं कि वहाँ फायरिंग की गई थी। हालाँकि मिश्रा के लोग किसी गोलीबारी के दावे को खारिज करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, चश्मदीदों ने कहा है कि आशीष उस कार्यक्रम से ग़ायब थे जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह दोपहर 2 से 4 बजे के बीच एक कार्यक्रम में थे। जिस समय घटना हुई थी, उनके फोन की लोकेशन उस घटना स्थल के क़रीब थी।
बता दें कि 3 अक्टूबर को उस घटना से जुड़े अब तक कई वीडियो सामने आ चुके हैं। वीडियो में दिखता है कि किसानों ने न तो कोई हिंसा की थी और न ही उन्होंने मंत्री के गाड़ी पर कोई हमला किया था। किसान निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीक़े से आगे बढ़ रहे थे। वीडियो में दिखता है कि तेज़ गति से आती काली एसयूवी महिंद्रा थार किसानों को पीछे से रौंदती हुई आगे निकल जाती है। यह वही गाड़ी है जिसको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अपनी मान चुके हैं। फिर चारों तरफ़ चीख मचती है। जो गाड़ी की चपेट में नहीं आते वे अपनी जान बचाने के लिए सड़क से दूर भागते हैं। काली एसयूवी के पीछे-पीछे उतनी ही तेज़ गति से दो और गाड़ियाँ निकलती हैं।
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