हरिद्वार मे आयोजित धर्म संसद में आग उगलने वालों के ख़िलाफ़ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या सरकार इन अपराधियों को संरक्षण दे रही है? क्या उसकी शह पर हो रहा है मुसलमानों के सफाए का आव्हान? मोदी, शाह और उनकी पार्टी हिंसा के लिए उकसाने वालों के मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? क्या धर्म संसद का आयोजन हिंसा की तैयारी के लिए था, ताकि यूपी के चुनाव में ध्रुवीकरण करवाया जा सके?